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सतयुग से चली आ रही है निरुपमा ………

teekhabol
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“यत्र नारिय्स्ते पूज्यन्ते तत्र देवता रमयंते”

जहां नारी कि पूजा होती है वहीँ देवताओं का वास होता है ! कई बार सुनी है ये बात ! नारी को पूजना मतलब नारी को भगवान् का स्थान देना और कहा भी गया है कि नारी भगवान् का दूसरा रूप होती है, लेकिन जब भगवान् के इस दूसरे रूप को पुरुष अपनी संपत्ति समझने लगे तब ???

रामायण के उत्तर काण्ड में वाल्मीकि जी द्वारा लिखा गया है कि जब भगवान् श्री राम, सीता जी को लंका विजय के बाद लेकर आये तो उन्होंने सीता जी से कहा कि “मैंने तुम्हे अपने प्रतिष्ठा कि रक्षा के लिए छुड़ाया है और अब तुम दसो दिशाओ में जहां चाहो, जा सकती हो !”

कुछ ऐसा ही संदर्भ एक और कथा में मिलता है, जब ऋषि परशुराम ने अपने पिता, जमदग्नि के कहने पर अपनी माता रेणुका का वध किया और ये वध ऋषि परशुराम द्वारा अपने पिता को अपने आज्ञाकारी होने का प्रमाण देने के लिए किया गया था !

अगर हम हिन्दू पुराण-शास्त्र पदे तो हमे ऐसे कई उधाहरण मिलेंगे जिसमे एक स्त्री को पुरुषो द्वारा अपनी प्रतिष्ठा कि रक्षा के लिए मारा या छोड़ा गया है !

अब क्योकि इतिहास खुद को दोहराता है इसलिए सतयुग से चली आ रही ये परम्परा या प्रथा आज खुद को दोहरा रही है, बल्कि यू कहे कि ये सतयुग से ही चलायमान रही है ! ये कभी समाप्त ही नहीं हुई थी !

पहले सतयुग और अब कलयुग में वर्ष-प्रतिवर्ष इसकी संख्या में इजाफा होता रहा है ! प्रतिष्ठा के लिए की जाने वाली नारी हत्याए ना सिर्फ़ भारत में बल्कि अन्य देशो में भी देखने को मिलती है, इसलिए हम यह नहीं कह सकते की प्रतिष्ठा हत्या या ओनर किलिंग जैसी विचारधारा सिर्फ भारत में ही विकसित हो रही है ! ये वर्ष-प्रतिवर्ष बदती जा रही है ! लेकिन अक्सर ये देखने में आता है की इस तरह की ओनर किलिंग का शिकार ज्यादातर महिलाए ही होती आई है !

इसकी गहराई में उतर कर जितना इसके बारे में जानने की कोशिश की ये खाई उतनी ही गहरी होती चली गई ! कितनी ही निरुपमाये आज अतीत में दफन हो चुकी है !

मई 2008 में हरियाणा के पूर्वी राज्य बल्ला गाँव में इसी तरह एक शादी-शुदा जोड़े की लड़की के परिवारवालों ने इसलिए हत्या कर दी गई क्योकि लड़का नीची जाती का था, उस वक़्त लड़की 22 सप्ताह की गर्भवती थी ! इस दोहरी हत्या के बाद लड़की के पिता और और उसके चचेरे भाइयो का कहना था की हमने जो किया उस पर हमे गर्व है क्योकि ये नेतिकता के लिए ज़रूरी था !

कुछ इसी तरह की घटना भागलपुर में हुई जिसमे एक साथ 8 लोगो की हत्या की गई, इसमें भी लड़का नीची जाती का था !

इस तरह की घटनाएं लगातार होती आई है ! आज भले ही हम इकिस्वी सदी में जी रहे है लेकिन हम फिर भी इस ऊँच-नीच के भेद को नहीं भुला पा रहे है ! यही वजह है की ये ओनर किलिंग की घटनाएं लगातार बदती जा रही है !

आज निरुपमा को इन्साफ दिलाने के लिए केंडल मार्च निकाले जा रहे है हर तरफ उसे इन्साफ दिलाने की मांग की जा रही है और पूरी उम्मीद है की निरुपमा को इन्साफ ज़रूर मिलेगा, लेकिन क्या इसके बाद किसी और निरुपमा की हत्या नहीं होगी ? क्या निरुपमा को मिला इन्साफ लोगो के लिए एक सबक बन सकेगा ? ज्यादा दिन नहीं हुए जब मनोज और बबली हत्याकांड में भी कुछ इसी तरह के इन्साफ की मांग उठी थी और दोनों को इन्साफ भी मिला लेकिन उसके बाद क्या हुआ ? सभी जानते है गाँव की पंचायत ने दोषियों को बचाने के लिए घर-घर जा कर पैसे इकट्ठे किये !

मैं अक्सर अपने लेख में एक उम्मीद तलाश ही लेती हूँ की हाँ आज नहीं तो कल से ऐसा होना बंद हो जायेगा लेकिन आज ओनर किलिंग की गहराइयों को देख कर ऐसा नहीं लग रहा की ये कभी ख़त्म होंगी ! कोई ऐसा रास्ता नज़र नहीं आया की जिस पर चल कर इसे हमेशा के लिए ख़त्म किया जा सके ! क्या आपको कोई रास्ता नज़र आ रहा है ???

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